
दुनिया भर में बड़े पैमाने पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड का उपयोग किया जाता है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में करोड़ों लोग इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। एटीएम कार्ड के आने के बाद बैंकिंग काफी आसान हो गई है। जरूरत के समय लोग इस कार्ड की मदद से आसानी से पैसे किसी भी एटीएम मशीन से निकल सकते हैं। आजकल तो ऑनलाइन पेमेंट के लिए भी एटीएम कार्ड का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हालांकि, जब भी आप अपने डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, तो उस वक्त 16 अंकों के एटीएम डिजिट को अंकित करना होता है। क्या आपको पता है एटीएम कार्ड में अंकित 16 अंकों का क्या मतलब होता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि एटीएम कार्ड पर अंकित ये 16 डिजिट के अंक किन किन चीजों को प्रदर्शित करते हैं –
पहला अंक
एटीएम कार्ड में अंकित पहला अंक ये बताता है कि कार्ड को किसने जारी किया है। इस अंक को मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर के नाम से भी जाना जाता है। अलग अलग इंडस्ट्री के लिए ये अंक भी अलग होते हैं।
अगले 5 अंक
पहले अंक के बाद के अगले 5 अंक उस कंपनी के बारे में बताते हैं, जिसने उसे जारी किया है। इसको ईश्यूर आइडेंटिफिकेशन नंबर के नाम से जाना जाता है।
जैसे मास्टर कार्ड- 51XXXX-55XXXX, वीजा- 4XXXXX
अगले 9 अंक
इसके बाद के जो 9 अंक होते हैं, वो बैंक अकाउंट नंबर से लिंक होता है। हालांकि, ये अंक आपका बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता लेकिन उससे लिंक होता है। वहीं कार्ड में अंकित अंतिम नंबर चेक डिजिट के नाम से जाना जाता है। इससे कार्ड की वैलिडिटी या कहें कि उसकी वैधता के बारे में पता चलता है।